महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी से दो बार काव्य के सर्वोच्च पुरस्कारों से पुरस्कृत। राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर से विशिष्ठ साहित्यकार सम्मान। राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति अकादमी बीकानेर से काव्य का सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त। ५१ हजार रू. का महावीर प्रसाद जोशी पुरस्कार, अक्टूबर २०१६ हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से ‘साहित्य सारस्वत’ सम्मान एवं अन्य अनेक पुरस्कार
मधुकर गौड़ का सार्थक साहित्य
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श्री मधुकर गौड़ बहुमुखी साहित्यिक प्रतिभा के साहित्यकार हैं। उन्हें संगीत का भी ज्ञान है। उनका रचना-संसार बड़ा ही व्यापक है। उनके अनेकानेक काव्य-संग्रह और काव्य संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। उनका समग्र लेखन उनकी बहुआयामी काव्य प्रतिभा के विविध आयामों का अनूठा भण्डार है। वस्तुतः उनके लेखन से गुजरकर ही उनकी बहुमुखी काव्य-प्रतिभा का अनुमान लगाया जा सकता है। डा॰ अश्व घोष, देहरादून (उत्तराखण्ड) ने श्री मधुकर गौड़ के बहुआयामी व्यक्तित्त्व के बारे में जो आकलन किया है, वह अत्यन्त सटीक है- ‘‘मधुकर गौड़ बहुआयामी हैं। वह लेखक भी हैं और सम्पादक भी। वह गीतकार भी हैं और ग़ज़लकार भी। वह आदमी भी हैं और इन्सान भी। उनमें गुस्सा भी है और संवदेनशीलता भी। उनमें आग भी है और नदी भी। मधुकर के गीतों में आम आदमी का दुःख दर्द इतनी संजीदगी से समाहित है कि उस पर जितना लिखा जाए कम है’’  ऐसे महान रचनाकार ने अपनी काव्य-यात्रा का समारम्भ बड़ी ही विविध एवं विषम स्थितियों में किया। दस वर्ष की आयु में उनके पिताश्री का देहावसान हो गया। संभवतः इसी बीच दर्द के साथ कविता के अंकुर उनके हृदय से अंकुरित हुए।

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